हरियाणा

गुरुग्राम विधानसभा सीट पर पंजाबी बिरादरी हुई पांच फाड़ लगातार चढ़ रहा सियासत का पारा,रौचक हुआ चुनावी माहौल

 

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:

हरियाणा के जिला गुरुग्राम में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे ही सियासत का पारा दिनों दिन चढ़ता जा रहा, वहीं पंजाबी और वैश्य समाज कई अलग-अलग धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं,गुरुग्राम में जहां कांग्रेस ने पंजाबी चेहरे मोहित ग्रोवर पर दांव लगाकर बाजी अपने पाले में करने की कोशिश की थी, लेकिन हकीकत इसके विपरीत नजर आ रही है। जबकि भाजपा ने मुकेश शर्मा पर तो भाजपा में रहे निर्जल देव प्रत्याशी नवीन गोयल नेवी अपना झंडा बुलंद कर दिया है।रविवार को पंजाबी बिरादरी का एक प्रोग्राम सेक्टर 17 में आयोजित किया गया और इसमें राज बब्बर के आने के मैसेज दिए गए और सोशल मीडिया पर आमंत्रण भी भेजे गए।

जबकि रविवार को राज बब्बर बादशाहपुर विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी वर्धन यादव के प्रोग्राम में पहुंचे थे। गुरुग्राम प्रोग्राम से राज बब्बर के दूरी बनाने से अब सवाल उठ रहे हैं और इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। साथ ही पंजाबी समाज अब कई धड़ों में बंटा हुआ नजर आ रहा है। इसके चलते मोहित ग्रोवर अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं।
पंजाबी नेता पार्षद सीमा पाहुजा ने निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयला को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। वहीं पुर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नजदीक रहे भाजपा नेता बोधराज सिकरी सत्ता की मलाई खाने के चलते भाजपा से मनमुटाव है लेकिन फिर भी बीजेपी से चिपके हुए हैं,इसी तरह भाजपा, जजपा,आप पार्टी छोड़ कर आए जीएल शर्मा सुबे सिंह बोहरा, नरेश सहरावत, मुकेश डागर ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है। वहीं पंजाबी समाज से चुनाव मैदान में उतरे अलख भी पंजाबी बोट बटोरने में लगे हुए हैं,जिसका सीधा मतलब यही बनता है कि पंजाबी समाज भी एकजुट ता नहीं दिखा पा रहे हैं, और अलग-अलग पार्टी में बट गए हैं। जबकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे राज्यपाल के समर्थन में कुछ पंजाबी समाज चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की ओर रुख कर लिया था।
हालांकि यह दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। स्थिति यह है कि पंजाबी समाज ही मोहित ग्रोवर का खुलकर पूरा सपोर्ट करते नजर नहीं आ रहा है। इसी के चलते रविवार को राज बब्बर को सेक्टर 17 बुलाकर वहां पर पंजाबी बिरादरी प्रोग्राम करने की रणनीति बनाई गई। इसमें बादशाहपुर प्रत्याशी वर्धन यादव व मोहित ग्रोवर के साथ ही राज बब्बर के शामिल होना तय था।
जिसका सोशल मीडिया पर मैसेज डाला गया था।
लेकिन ऐन वक्त पर राज बब्बर का प्रोग्राम कैंसिल हो गया। उन्होंने केवल मोबाइल से ही लोगों को संबोधित किया। जबकि रविवार दोपहर को बादशाहपुर विधानसभा सीट के प्रत्याशी वर्धन यादव के सेक्टर 109 में आहूत प्रोग्राम में राज बब्बर ने शिरकत की थी। वर्धन यादव ने सोशल साइट्स पर राज बब्बर प्रोग्राम की फोटो भी शेयर की हैं।

वहीं राज बब्बर के प्रोग्राम में शरीक नहीं होने से पंजाबी समाज के अंदर भी सुगबुगाहट तेज हो गई। लोग इसको लोकसभा चुनाव में मोहित ग्रोवर का राज बब्बर को पूरा सहयोग नहीं करने से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव पश्चात राज बब्बर की यह पीड़ा बाहर भी आई थी कि मोहित ग्रोवर ने उनका पूरा साथ नहीं दिया। दूसरी ओर मोहित ग्रोवर इससे इंकार करते हैं और पूरा साथ देने का दंभ भरते है।
लेकिन सार्वजनिक प्रोग्राम, रैली, जनसंपर्क में उनके नजर नहीं आने से किसी के गले उनकी सफाई नहीं उतर रही।
फिल्म स्टार राज बब्बर के नहीं आने से पंजाबी समाज के अंदर भी मोहित ग्रोवर को लेकर कुछ नाराजगी देखने को मिल रही है। समाज अलग-अलग बंटा हुआ नजर आ रहा है, तो वह मोहित के अलावा दूसरे विकल्प पर भी विचार करते दिख रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस जिला मीडिया कोआर्डिनेटर पंकज डावर का कहना है कि समय की कमी के कारण राज बब्बर गुरुग्राम नहीं पहुंच पाए थे।
कांग्रेस का संगठन का विस्तार नहीं होने के साथ ही बूथ मैनेजमेंट में वह पूरी तरह फेल नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस की टिकट की रेस में चलने वाले पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया, कुलदीप कटारिया, कुलराज कटारिया सहित अन्य दावेदारों की नाराजगी आज भी कायम है। इसी के चलते वह मोहित के प्रोग्राम से दूरी बनाए हुए हैं। यही कहानी अंदर खाने भाजपा में भी चल रही है। जिसका फायदा निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल को मिलता नजर आ रहा है। क्योंकि वैशव समाज से उमेश अग्रवाल का चुनाव न लड़ने से उनका समाज कभी भी एक हो सकता है। क्योंकि गुरुग्राम सीट पर अधिकतर कब्जा पंजाबी दुसरा वैश्य समाज का ही रहा है। यह सब चुनाव पर चर्चाएं चल रही है उसके आधार पर लिखा गया है। बाकी गुरुग्राम सीट का ताज किसको मिलेगा या तो आने वाला समय ही बता पाएगा।

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